राष्ट्रीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (NEET) के भारत सरकार द्वारा राज्य स्तर पर ओबीसी OBC आरक्षण कोटा खत्म किए जाने के संबंध में।

सेवा में, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार सचिवालय उत्तर प्रदेश राज्यपाल उत्तर प्रदेश विषय: राष्ट्रीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (NEET) के भारत सरकार द्वारा राज्य स्तर पर ओबीसी OBC आरक्षण कोटा खत्म किए जाने के संबंध में। महोदय/ महोदया भारत की प्रतिष्ठित संस्था बहुआयामी शिक्षा तकनीकी एवं अनुसंधान के पदाधिकारियों की ओर से आपका ध्यान इस ओर भी आकर्षित कराना चाहेंगे राष्ट्रीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट NEET के ऑल इंडिया कोटा में भारत सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण को राज्य स्तर पर खत्म किया जाना संविधान के विरुद्ध पाया गया है संविधान के अनुच्छेद 15( 4) 16 ( 4) और केंद्रीय शिक्षा संस्थानों में आरक्षण कानून 2006 का उल्लंघन है 2006 का कानून स्पष्ट कहता है कि ओबीसी को आरक्षण दिया जाएगा। प्रत्येक वर्ष होने वाली नीट परीक्षा की तारीख शिक्षा मंत्रालय के द्वारा घोषित कर दी गई है साथ ही इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सरकार ऑल इंडिया कोटा के तहत राज्य के मेडिकल कॉलेजों में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं करेगी। जैसा कि ज्ञात है कि ओबीसी आरक्षण संविधान के भाग 16 और अनुच्छेद 340 के आधार पर मंडल कमीशन के माध्यम से आया है इस कमीशन की रिपोर्ट से यह पाया गया है कि ओबीसी की सामाजिक शैक्षणिक और वार्षिक स्थिति अनुकूल नहीं है इसलिए ओबीसी को 27% आरक्षण दिया गया अगर इस वर्ग की जनसंख्या परिषद को देखें तो इस देश की कुल आबादी का लगभग 52% ओबीसी समुदाय की हिस्सेदारी है लेकिन आरक्षण मात्र 27% ही है सरकार को इस संदर्भ में संज्ञान लेते हुए ओबीसी आरक्षण को उनकी जनसंख्या के अनुपात में बढ़ाकर सुनिश्चित किया जाना चाहिए। 13 जुलाई 2021 में नीट की परीक्षा में आए विज्ञापन में यह स्पष्ट हुआ है कि ओबीसी को सरकार द्वारा नीट में राज्य स्तर पर आरक्षण नहीं दिया जा रहा है इस गैर संवैधानिक रवैया से ओबीसी समुदाय बेहद निराश व नाराज है लगातार संस्था के पास उपरोक्त समस्या को लेकर टिप्पणियां आ रही हैं जिसको लेकर यह आवेदन प्रेषित किया जा रहा है। ओबीसी भारत का सबसे बड़ा सामाजिक समूह है जिसमें देश के कम से कम 70 करोड़ लोग निवास करते हैं सरकार उनकी शिक्षा प्राणी के स्तर को देखते हुए और भारत में वर्तमान समय में स्वास्थ्य के क्षेत्र में एमबीबीएस एमबीबीएस डॉक्टर्स की कमी ओर मारामारी, तबाही को देखते हुए इस पत्र के माध्यम से संस्था के पदाधिकारियों की मांग व निवेदन है कि जल्द से जल्द उपरोक्त समस्या पर संज्ञान लेने का कष्ट किया जाए। अन्यथा विभिन्न राजनीतिक पार्टियां निम्न समस्या पर भी राजनीतिक पहेलियां खेलना शुरू कर देंगी जिसकी जिम्मेदार सरकार स्वयं होगी।