सेवा में,
केन्द्रीय वक्फ बोर्ड भारत सरकार
वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश सरकार
इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन IICF/ धन्नीपुर अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट कमेटी लखनऊ
ऑल इंडिया राब्ताये मस्जिद AIRM कमेटी
विषय:1, अयोध्या में शहीद की गई बाबरी मस्जिद का सरकार की ओर से मुआवजा दिलाए जाने के संबंध में।
2, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अयोध्या से धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद का NOC पास वा लागत कम कराए जाने के संबंध में।
3, अयोध्या धन्नीपुर बनने वाली मस्जिद का नामांकरण मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह से मस्जिद ए बाबरी अवध कराए जाने के संबंध में।
महोदय,
बहुआयामी राजनीतिक दल के माध्यम से उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड व सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अयोध्या के निकट धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद से संबंधित मुस्लिम कौम में फैल रहे भ्रम की और प्रश्न करते हुऐ ध्यान आकर्षित कराना चाहेंगे
सुप्रीम कोर्ट के सरकारी आदेश के बावजूद भी अभी तक अयोध्या धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद का NOC पूर्ण नहीं हो सका और एनओसी NOC का खर्च भी 10 करोड़ से अधिक आ रहा है जबकि मस्जिद के लिए दी गई धन्नीपुर की जगह पर ज्ञान चंद्र पंजाबी की फैमिली बेटी रमारानी और रानी कपूर के द्वारा विवादित जमीन होने का दावा भी किया गया है प्राप्त जानकारी के अनुसार मात्र धन्नीपुर गांव के आस पास 5000 की आबादी पर ही गांव में 10 से 15 मस्जिद हैं फिर वहीं पर एक नई मस्जिद का निर्माण इस्लामी शरीयत के खिलाफ है उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड के द्वारा 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों के द्वारा शहीद की गई मस्जिद को लेकर मुआवजे की मांग तक नहीं उठाई जा रही है वक्फ बोर्ड के द्वारा अयोध्या बाबरी मस्जिद की 2.27 एकड़ जमीन पर अपना दावा भी वापस ले लिया गया वक्फ बोर्ड के पास अयोध्या में ही पर्याप्त जमीन है और 25% परसेंट से अधिक मुस्लिम आबादी है फिर भी मस्जिद का निर्माण 25 किलोमीटर दूर धन्नीपुर गांव में किया जा रहा है जबकि मस्जिद का निर्माण शहर में होना चाहिए इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन IICF अयोध्या मस्जिद कमेटी में मात्र 12 लोगों को ही चुना गया है अभी तक सभी मीटिंग ऑनलाइन ही की जा रही हैं मीटिंग का परिणाम मुस्लिम कौम तक नहीं पहुंच पा रहा है इंडो इस्लामिक कलर फाउंडेशन का कार्यालय भी लखनऊ में मात्र एक कमरे तक सीमित रह गया है जो जो की राम मंदिर प्रमुख अशोक सिंघल विश्व हिंदू परिषद VHP के प्रमुख, चौराहे पर ही कार्यालय स्थापित किया गया अन्य जगह पे नही जबकि अयोध्या में बनने वाली मस्जिद को भारतीय इस्लामिक कल्चर के अंतर्गत ना रखते हुए सउदिया कलर के तहत डिजाइन किया जा रहा है ऐसा भी कहा गया की मस्जिद की पहली ईंट सउदिया से होगी और सउदिया के पेश इमाम के द्वारा रखी जाएगी इससे तो भारतीय इसलामिक कल्चर और पेश इमामो का अपमान होगा जिसमें यह भी कहा जा रहा है कि कुरान का रंग भगवा, कैंटीन पूर्णतया शाकाहारी, मस्जिद के अंदर महिलाओं के लिए एक अलग मस्जिद होगी संघ परिवार की विचारधारा का जन्म, जबकि बाबरी मस्जिद का नाम इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन IICF के कहने पर ऑल इंडिया राब्ताये मस्जिद AIRM नाम में दो बार परिवर्तन करते हुए बाबरी मस्जिद का नाम मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह मस्जिद रखा जा रहा है जो कि संघ परिवार के दबाव में भारतीय मुगली इतिहास को मिटा कर बाबर को स्वयं में लुटेरा स्वीकार किया जा रहा है जबकि मस्जिद ट्रस्ट का अध्यक्ष हाजी शेख जी को बनाया गया है जो पहले से ही महाराष्ट्र बीजेपी/BJP अल्पसंख्यक के अध्यक्ष तथा संघ परिवार से ही संबंध रहा है ऐसी में उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड तथा इंडो इस्लामिक कल्चर के अध्यक्षों पर आरोप लगना लाजमी है जिसके कारण मुस्लिम समाज में भ्रम फैल रहा है और अनेक प्रकार के नकारात्मक प्रश्न जन्म लेते जा रहे हैं।
ऐसे में बहुआयामी राजनीतिक दल उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड व इंडो इस्लामिक कल्चर IICF से निम्न प्रश्नों के उत्तर देने व निम्न उपरोक्त मांगों का प्रस्ताव करती है